अनपढ़

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳



💐💐अनपढ़💐💐


एक मध्यम वर्गीय परिवार के एक लड़के ने 12वीं की परीक्षा में 90% अंक प्राप्त किए ।  


पिता, मार्कशीट देखकर खुशी-खुशी अपनी बीवी को कहा कि बना लीजिए मीठा दलिया, स्कूल की परीक्षा में आपके लाड़ले को 90% अंक मिले हैं ..!


 माँ किचन से दौड़ती हुई आई और बोली, , *"..मुझे भी बताइये, देखती हूँ...!*


 इसी बीच लड़का फटाक से बोला...

*"बाबा उसे रिजल्ट कहाँ दिखा रहे हैं ?... क्या वह पढ़-लिख सकती है ? वह तो अनपढ़ है ...!"*


 अश्रुपुर्ण आँखों से पल्लु से आंखें पौंछती हुई माँ दलिया बनाने चली गई ।


ये बात मेरे पिता ने तुरंत देखा ...!  फिर उन्होंने लड़के के कहे हुए वाक्यों में जोड़ा, और कहा... *"हां रे ! वो भी सच है...!*


"जब हमारी शादी हुई तो तीन महीने के अंदर ही तुम्हारी माँ गर्भवती हो गई.. मैंने सोचा, शादी के बाद कहीं घुमने नहीं गए..   एक दूसरे को ठीक से हम समझे भी नही हैं, चलो इस बार अबॉर्शन करवा कर आगे चांस लेते हैं.. लेकिन तुम्हारी माँ ने ज़ोर देकर कहा *"नहीं"* बाद में चाँस नहीं.... घूमना फिरना, और आपस में समझना भी नहीं, और फिर तेरा जन्म हुआ..... *वो अनपढ़ थी ना....!*


*जब तु गर्भ में था, तो उसे दूध बिल्कुल पसंद नहीं था,  उसने अपने आपको स्वस्थ बनाने के लिए हर दिन नौ महीने तक दूध पिया ...

 *क्योंकि वो अनपढ़ थी ना ...*


 तुझे सुबह सात बजे स्कूल जाना रहता था, इसलिए उसे सुबह पांच बजे उठकर तुम्हारा मनपसंद नाश्ता और डिब्बा बनाती थी.....

 *क्योंकि वो अनपढ़ थी ना ...*


 जब तुम रात को पढ़ते-पढ़ते सो जाते थे, तो वह आकर तुम्हारी कॉपी व किताब बस्ते में भरकर, फिर तुम्हारा शरीर ओढ़ना से ढँक देती थी और उसके बाद ही सोती थी...

 *क्योंकि अनपढ़ थी ना ...*


 बचपन में तुम ज्यादातर समय बीमार रहते थे... तब वो रात- रात भर जागकर वापस जल्दी उठती थी और सुबह का काम पर लग जाती थी....

 क्योंकि वो अनपढ़ थी ना...

 

 तुम्हारे ब्रांडेड कपड़े लाने के लिये मेरे पीछे पड़ती थी और खुद सालों तक एक ही साड़ी पर रहती थी ।

 क्योंकि वो अनपढ़ थी ना....


बेटा .... पढ़े-लिखे लोग पहले अपना स्वार्थ और मतलब देखते हैं.. लेकिन आपकी माँ ने आज तक कभी अपने लिए कुछ नहीं देखा।

 क्योंकि अशिक्षित है  ना वो...


  वो खाना बनाकर और हमें परोसकर, कभी-कभी खुद खाना भूल जाती थी... इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि *'तुम्हारी माँ अशिक्षित है...'


 यह सब सुनकर लड़का रोते रोते, लिपटकर अपनी माँ से बोला.. *"माँ, मुझे तो कागज पर 90% अंक ही मिले हैं। लेकिन आप मेरे जीवन को 100% बनाने वाली पहली शिक्षक हैं।

माँ, मुझे आज 90% अंक मिले हैं, फिर भी मैं अशिक्षित हूँ और आपके पास पीएचडी के ऊपर की उच्च डिग्री है।  क्योंकि आज मैं अपनी माँ के अंदर छुपे रूप में,  डॉक्टर, शिक्षक, वकील, ड्रेस डिजाइनर, बेस्ट कुक इन सभी के दर्शन कर लिए..



कहानियां अच्छी लगे तो शेयर भी कर देवे।।


साथ ही साथ कहानियां अच्छी लगे तो शेयर भी कर देवे।।

Comments

Popular posts from this blog

बेटी

कहीं बारिश हो गयी तो