Posts

Showing posts from July, 2024

हाथरस हादसे के बाद बाबा कहां गया

Image
 

सांप का क्रोध

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐सांप का क्रोध💐💐 एक बढ़ई (Carpenter) शाम को अपनी दुकान बंद कर घर चला गया। जब वह चला गया, तो एक ज़हरीला सांप दुकान के अंदर घुस गया। सांप भूखा था। इस आशा में की कुछ खाने को मिल जाए, वह इधर उधर रेंगने लगा। इसी बीच वो एक कुल्हाड़ी से टकरा गया और थोड़ा सा चोटिल हो गया। उसे गुस्सा आ गया और बदला लेने के लिए उसने कुल्हाड़ी को डंक मार दिया। सांप का डंक उस धातु की कुल्हाड़ी का क्या बिगाड़ लेगा? उल्टा सांप के मुंह से ही खून निकलने लग गया। गुस्से और अहंकार से वो सांप पागल हो गया और उस कुल्हाड़ी को मारने के लिए हर संभव कोशिश करने लगा। उसको बहुत दर्द हो रहा था। फिर भी वो उस कुल्हाड़ी के चारो और लिपट गया। फिर क्या हुआ होगा, आप अच्छी तरह से जानते हैं। अगले दिन जब कारपेंटर ने दरवाजा खोला, तो देखा की कुल्हाड़ी के लिपटा हुआ सांप मरा पड़ा था। दोस्तों यह सांप किसी और की गलती से नहीं मरा हैं। उसकी ये हालत खुद की अकड़ और गुस्से के कारण हुई हैं।   *💐💐शिक्षा💐💐* इसी प्रकार हमें भी जब गुस्सा आता हैं तो हम दुसरो को नुकसान पहुंचने का काम करते हैं। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद ह...

परिश्रम का महत्त्व

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐 परिश्रम का महत्त्व💐💐 एक गांव में एक धनी मनुष्य रहता था | उसका नाम भैरोमल था | भैरोमल के पास बहुत खेत थे| उसने बहुत से नौकर और मजदूर रख छोड़े थे | भैरोमल बहुत सुस्त और आलसी था | वह कभी अपने खेतों को देखने नहीं जाता था | अपने मजदूर और नौकरों को भेजकर ही वह काम कराता था | मजदूर और नौकर मनमाना काम करते थे | वे लोग खेत पर तो थोड़ी देर काम करते थे , बाकी घर बैठे रहते थे | इधर-उधर घूमते या गप्पे उड़ाया करते थे ,खेत न तो ठिकाने से जोते जाते थे | न सिंचे जाते थे और न उनमें ठीक से खाद पडती थी | खेतों में बीज भी ठिकाने से नहीं पडते थे और उनकी घास(खरपतवार) तो कोई निकालता ही नहीं था | इसका नतीजा यह हुआ कि उपज धीरे-धीरे घटने लगी | थोड़े दिनों में भैरोमल गरीब होने लगा| उसी गांव में रामप्रसाद नामक एक दूसरा किसान था | उसके पास खेत नहीं थे | वह भैरोमल के ही कुछ खेत लेकर खेती करता था | किंतु; था ! परिश्रमी | अपने मजदूरों के साथ वह खेत पर जाता था | डटकर परिश्रम करता था उसके खेत भली प्रकार जोते और सींचे जाते थे | अच्छी खाद पडती थी, घास निकाली जाती थी और बीज भी समय पर बोए जात...

अनपढ़

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐अनपढ़💐💐 एक मध्यम वर्गीय परिवार के एक लड़के ने 12वीं की परीक्षा में 90% अंक प्राप्त किए ।   पिता, मार्कशीट देखकर खुशी-खुशी अपनी बीवी को कहा कि बना लीजिए मीठा दलिया, स्कूल की परीक्षा में आपके लाड़ले को 90% अंक मिले हैं ..!  माँ किचन से दौड़ती हुई आई और बोली, , *"..मुझे भी बताइये, देखती हूँ...!*  इसी बीच लड़का फटाक से बोला... *"बाबा उसे रिजल्ट कहाँ दिखा रहे हैं ?... क्या वह पढ़-लिख सकती है ? वह तो अनपढ़ है ...!"*  अश्रुपुर्ण आँखों से पल्लु से आंखें पौंछती हुई माँ दलिया बनाने चली गई । ये बात मेरे पिता ने तुरंत देखा ...!  फिर उन्होंने लड़के के कहे हुए वाक्यों में जोड़ा, और कहा... *"हां रे ! वो भी सच है...!* "जब हमारी शादी हुई तो तीन महीने के अंदर ही तुम्हारी माँ गर्भवती हो गई.. मैंने सोचा, शादी के बाद कहीं घुमने नहीं गए..   एक दूसरे को ठीक से हम समझे भी नही हैं, चलो इस बार अबॉर्शन करवा कर आगे चांस लेते हैं.. लेकिन तुम्हारी माँ ने ज़ोर देकर कहा *"नहीं"* बाद में चाँस नहीं.... घूमना फिरना, और आपस में समझना भी नहीं, और फिर त...