बेटी

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳


💐💐बेटी💐💐


यह कहानी उस वक्त की है जब एक अनाथालय से एक लड़की भाग जाती है ।भागते भागते आधी रात को वो एक ऐसी जगह पहुँच जाती है जो उसके लिए अनजान ओर असुरक्षित होती है।उसी समय अचानक आधी रात को रोज की तरह एक बुजुर्ग शराब के  नशे में अपने घर की  तरफ जाने वाली गली से झूमता हुआ जा रहा था, रास्ते में एक खंभे की लाइट जल  रही थी, उस खंभे के ठीक नीचे एक 15 से 16 साल की लड़की पुराने फटे कपड़े  में डरी सहमी सी अपने आँसू पोछते हुए खड़ी थी ।जैसे ही उस बुजुर्ग की नजर उस घबराई हुई लड़की पर पड़ी वह रूक सा गया। लड़की शायद उजाले की चाह में लाइट के खंभे  से लगभग चिपकी हुई सी थी, वह बुजुर्ग उसके करीब गया और उससे लड़खड़ाती जबान  से पूछा तेरा नाम क्या है, तू कौन है और इतनी रात को यहाँ क्या कर रही  है...?

लड़की चुपचाप डरी सहमी नजरों से दूर किसी को देखे जा रही थी  उस बुजुर्ग ने जब उस तरफ देखा जहाँ लड़की देख रही थी तो वहाँ चार लड़के उस  लड़की को घूर रहे थे, उनमें से एक को वो बुजुर्ग जानता था, लड़का उस  बुजुर्ग को देखकर झेप गया और अपने साथियों के साथ वहाँ से चला गया लड़की उस  शराब के नशे में बुजुर्ग से भी सशंकित थी फिर भी उसने हिम्मत करके बताया  मेरा नाम रूपा है मैं अनाथाश्रम से भाग आई हूँ, वो लोग मुझे आज रात के लिए  कहीं भेजने वाले थे, दबी जुबान से बड़ी मुश्किल से वो कह पाई...!

बुजुर्ग:- क्या बात करती है..तू अब कहाँ जाएगी..!

 लड़की:- नहीं मालूम.....!

 बुजुर्ग:- मेरे घर चलेगी.....?


 लड़की मन ही मन सोच रही थी कि ये शराब के नशे में है और आधी रात का समय है  ऊपर से ये शरीफ भी नहीं लगता है, और भी कई सवाल उसके मन में धमाचौकड़ी  मचाए हुए थे!

 बुजुर्ग:- अब आखिरी बार पूछता हूँ मेरे घर चलोगी हमेशा के लिए...?

बदनसीबी को अपना मुकद्दर मान बैठी गहरे घुप्प अँधेरे से घबराई हुई सबकुछ  भगवान के भरोसे छोड़कर लड़की ने दबी कुचली जुबान से कहा जी हाँ

उस  बुजुर्ग ने झट से लड़की का हाथ कसकर पकड़ा और तेज कदमों से लगभग उसे घसीटते  हुए अपने घर की तरफ बढ़ चला वो नशे में इतना धुत था कि अच्छे से चल भी  नहीं पा रहा था किसी तरह लड़खड़ाता हुआ अपने मिट्टी से बने कच्चे घर तक  पहुँचा और कुंडी खटखटाई थोड़ी ही देर में उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला और  पत्नी कुछ बोल पाती कि उससे पहले ही उस बुजुर्ग ने कहा ये लो सम्भालो इसको  "बेटी लेकर आया हूँ हमारे लिए" अब हम बाँझ नहीं कहलाएंगे आज से हम भी औलाद  वाले हो गए, पत्नी की आँखों से खुशी के आँसू बहने लगे और उसने उस लड़की को  अपने सीने से लगा लिया।।

सुबह जब लड़कीं उठी और देखा उस घर के चारो तरफ भीड़ जमा हो रखी थी,घर मे त्यौहार जैसा माहौल बना हुआ था।

जब घर से बाहर निकल कर देखा तो बुजुर्ग व्यक्ति का हुलिया ही बदल गया।सब लोग उसे बेटी के लिए बधाइयां दे रहे थे।लड़कीं में बार तो असमंजस की स्थिति में आ गयी लेकिन इतने में ही बुजुर्ग व्यक्ति की पत्नी ने लड़कीं के सर पर हाथ रखा और प्रेम से उसे पूरी बात समझाई,और कहा आज से तुम्हारा नाम श्री रखा गया है।

लड़कीं को नए माता पिता मिलने पर बहुत खुशी हो रही थी क्योकि अनाथालय में उसे बहुत टॉर्चर किया जाता था।

धीरे धीरे शराबी व्यक्ति ने श्री के लिए शराब पीना बन्द कर दिया और उसकी शिक्षा के लिए उसे एक अच्छे विद्यालय में दाखिला दिलवाया,लड़कीं ने भी मन लगाकर पढ़ाई की।कुछ ही वर्षों की कठिन मेहनत से लड़कीं ने पुलिस की नौकरी प्राप्त कर ली।

अब श्री के द्वारा धीरे धीरे अनाथालय  में पल रही लड़कियों की देखभाल करने का भूत सवार हुआ और उसने सबूत जुटाने शुरू कर दिए।


अंत मे एक दिन पुलिस द्वारा अनाथालय पर रेड डाली गई और वहां पर चल रहा घिनौना कार्य सबकी की नज़रों में आ गया।

सभी गुनहगारों को सजा मिल गयी।श्री ने भगवान का शुक्रगुजार किया और आत्मसंतुष्टि से अपना जीवन यापन करने लगी।।

💐💐शिक्षा💐💐


बेटी के आने से जीवन मे इतने बदलाव वही ला सकता है जो बेटी को भी बेटे की तरह बराबर का हक प्रदान करता हो।

आओ सब मिलकर ये प्रण ले कि हम अपनी बेटियों को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।।

आज की कहानी को ज्यादा से ज्यादा  शेयर करें बहुत ही मार्मिक कहानी है

सदैव प्रसन्न रहिये।

जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।


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