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Showing posts from May, 2024

कहीं बारिश हो गयी तो

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐कहीं बारिश हो गयी तो!💐💐 4 साल से नयासर गाँव में बारिश की एक बूँद तक नहीं गिरी थी। सभी बड़े परेशान थे। हरिया भी अपने बीवी-बच्चों के साथ जैसे-तैसे समय काट रहा था। एक दिन बहुत परेशान होकर वह बोला, “अरे ओ मुन्नी की माँ, जरा बच्चों को लेकर पूजा घर में तो आओ…” बच्चों की माँ 6 साल की मुन्नी और 4 साल के राजू को लेकर पूजा घर में पहुंची। हरिया हाथ जोड़ कर भगवान् के सामने बैठा था, वह रुंधी हुई आवाज़ में अपने आंसू छिपाते हुए बोला, “सुना है भगवान् बच्चों की जल्दी सुनता है…चलो हम सब मिलकर ईश्वर से बारिश के लिए प्रार्थना करते हैं…” सभी अपनी-अपनी तरह से बारिश के लिए प्रार्थना करने लगे। मुन्नी मन ही मन बोली- भगवान् जी मेरे बाबा बहुत परेशान हैं…आप तो सब कुछ कर सकते हैं…हमारे गाँव में भी बारिश कर दीजिये न… पूजा करने के कुछ देर बाद हरिया उठा और घर से बाहर निकलने लगा। “आप कहाँ जा रहे हैं बाबा।”, मुन्नी बोली। “बस ऐसे ही खेत तक जा रहा हूँ बेटा…”, हरिया बाहर निकलते हुए बोला। “अरे रुको-रुको…अपने साथ ये छाता तो लेते जाओ”, मुन्नी दौड़ कर गयी और खूंटी पर टंगा छाता ले आई।” छाता देख...

बेटी

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐बेटी💐💐 यह कहानी उस वक्त की है जब एक अनाथालय से एक लड़की भाग जाती है ।भागते भागते आधी रात को वो एक ऐसी जगह पहुँच जाती है जो उसके लिए अनजान ओर असुरक्षित होती है।उसी समय अचानक आधी रात को रोज की तरह एक बुजुर्ग शराब के  नशे में अपने घर की  तरफ जाने वाली गली से झूमता हुआ जा रहा था, रास्ते में एक खंभे की लाइट जल  रही थी, उस खंभे के ठीक नीचे एक 15 से 16 साल की लड़की पुराने फटे कपड़े  में डरी सहमी सी अपने आँसू पोछते हुए खड़ी थी ।जैसे ही उस बुजुर्ग की नजर उस घबराई हुई लड़की पर पड़ी वह रूक सा गया। लड़की शायद उजाले की चाह में लाइट के खंभे  से लगभग चिपकी हुई सी थी, वह बुजुर्ग उसके करीब गया और उससे लड़खड़ाती जबान  से पूछा तेरा नाम क्या है, तू कौन है और इतनी रात को यहाँ क्या कर रही  है...? लड़की चुपचाप डरी सहमी नजरों से दूर किसी को देखे जा रही थी  उस बुजुर्ग ने जब उस तरफ देखा जहाँ लड़की देख रही थी तो वहाँ चार लड़के उस  लड़की को घूर रहे थे, उनमें से एक को वो बुजुर्ग जानता था, लड़का उस  बुजुर्ग को देखकर झेप गया और अपने साथ...

गुरु की सीख

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐गुरु की सीख💐💐 एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान एक 30 वर्षीय युवक को खडा कर पूछा कि आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है , तो आप क्या करोगे ? युवक ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे। गुरु जी ने पूछा - वह लडकी आगे बढ गयी , तो क्या पीछे मुडकर भी देखोगे ? लडके ने कहा - हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है तो। (सभा में सभी हँस पडे) गुरु जी ने फिर पूछा - जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा ? युवक ने कहा 5 - 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए। गुरु जी ने उस युवक से कहा - अब जरा कल्पना कीजिये.. आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना...  आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए। उनका घर देखा तो आपको पता चला कि ये तो बडे अरबपति हैं। घर के बाहर 10 गाडियाँ और 5 चौकीदार खडे हैं।  उन्हें आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई , तो वे महानुभाव खुद बाहर आए। आप से पैकेट लिया। आप जाने लगे तो आपको आग...

बिल्ली और कुत्ते की कहानी

 🦚आज की कहानी🦚 💐💐बिल्ली और कुत्ते💐💐 एक दिन की बात है. एक बिल्ली कहीं जा रही थी. तभी अचानक एक विशाल और भयानक कुत्ता उसके सामने आ गया। कुत्ते को देखकर बिल्ली डर गई. कुत्ते और बिल्ली जन्म-बैरी होते हैं. बिल्ली ने अपनी जान का ख़तरा सूंघ लिया और जान हथेली पर रखकर वहाँ से भागने लगी, किंतु फुर्ती में वह कुत्ते से कमतर थी,थोड़ी ही देर में कुत्ते ने उसे दबोच लिया। बिल्ली की जान पर बन आई. मौत उसके सामने थी। कोई और रास्ता न देख वह कुत्ते के सामने गिड़गिड़ाने लगी, किंतु कुत्ते पर उसके गिड़गिड़ाने का कोई असर नहीं हुआ. वह उसे मार डालने को तत्पर था। तभी अचानक बिल्ली ने कुत्ते के सामने एक प्रस्ताव रख दिया, “यदि तुम मेरी जान बख्श दोगे, तो कल से तुम्हें भोजन की तलाश में कहीं जाने की आवश्यता नहीं रह जायेगी। मैं यह ज़िम्मेदारी उठाऊंगी। मैं रोज़ तुम्हारे लिए भोजन लेकर आऊंगी। तुम्हारे खाने के बाद यदि कुछ बच गया, तो मुझे दे देना। मैं उससे अपना पेट भर लूंगी। कुत्ते को बिना मेहनत किये रोज़ भोजन मिलने का यह प्रस्ताव जम गया।उसने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया, लेकिन साथ ही उसने बिल्ली को आगाह भी किया कि धोखा देने प...

भोग लगा करके ही भोजन करे

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐भोग लगा करके ही भोजन करे💐💐 एक सेठजी जोकि बड़े कंजूस थे एक दिन दुकान पर् बेटे को बैठा दिया और बोले:- बिना पैसा लिए किसी को कुछ मत देना,मुझे कुछ जरूरी काम है मैं बस यूं गया और यूं आया..  अकस्मात सेठजी के जाने के पश्चात दुकान पर एक संत आए जो अलग अलग जगह से एक समय की भोजन सामग्री लेते थे, लड़के से कहा:- बेटा जरा नमक दे दो...  लड़के ने संत को डिब्बा खोल कर एक चम्मच नमक दे दिया..... सेठ जी आए तो देखा कि एक डिब्बा खुला पड़ा था....... सेठजी ने कहा:- क्या बेचा, बेटा बोला वो जो तालाब के पास संत रहते हैं उनको एक चम्मच नमक दिया था...... डिब्बा देखकर सेठ का माथा ठनका और बोले:- अरे मूर्ख इसमें तो जहरीला पदार्थ है... अब सेठजी भाग कर संतजी के पास गए.... संतजी भगवान के भोग लगाकर थाली लिए भोजन करने बैठे ही थे कि सेठजी दूर से ही बोले:- महाराज जी रुकिए आप जो नमक लाए थे वो जहरीला पदार्थ था,आप भोजन नहीं करें... संतजी बोले:- भाई हम तो प्रसाद लेंगे ही क्योंकि भोग लगा दिया है और भोग लगा भोजन छोड़ नहीं सकते ..... हां, अगर भोग नहीं लगता तो भोजन नहीं करते और भोजन शुरू कर दिया.....

जिंदगी का सबक

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐जिंदगी का सबक💐💐 जीवन के 20 साल हवा की तरह उड़ गए । फिर शुरू हुई नोकरी की खोज । ये नहीं वो, दूर नहीं पास । ऐसा करते करते 2 3 नोकरियाँ छोड़ते एक तय हुई। थोड़ी स्थिरता की शुरुआत हुई। फिर हाथ आया पहली तनख्वाह का चेक। वह बैंक में जमा हुआ और शुरू हुआ अकाउंट में जमा होने वाले शून्यों का अंतहीन खेल। 2- 3 वर्ष और निकल गए। बैंक में थोड़े और शून्य बढ़ गए। उम्र 25 हो गयी। और फिर विवाह हो गया। जीवन की राम कहानी शुरू हो गयी। शुरू के एक 2 साल  गुलाबी, सपनीले गुजरे । हाथो में हाथ डालकर घूमना फिरना, रंग बिरंगे सपने। पर ये दिन जल्दी ही उड़ गए। और फिर बच्चे के आने ही आहट हुई। वर्ष भर में पालना झूलने लगा। अब सारा ध्यान बच्चे पर केन्द्रित हो गया। उठना बैठना खाना पीना लाड दुलार । समय कैसे फटाफट निकल गया, पता ही नहीं चला। इस बीच कब मेरा हाथ उसके हाथ से निकल गया, बाते करना घूमना फिरना कब बंद हो गया दोनों को पता ही न चला। बच्चा बड़ा होता गया। वो बच्चे में व्यस्त हो गयी, मैं अपने काम में । घर और गाडी की क़िस्त, बच्चे की जिम्मेदारी, शिक्षा और भविष्य की सुविधा और साथ ही बैंक में शुन्य ...

जो भोगे सो भाग्यशाली

  🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐जो भोगे सो भाग्यशाली💐💐 65 वर्ष की उम्र में एकांकी जीवन जीने वाला एक बुजुर्ग अवसाद(डिप्रेशन) की बीमारी से पीड़ित हो गया।उसको इलाज के लिए मनोचिकित्सक डॉक्टर  के पास ले जाया गया। डॉक्टर:आपके बच्चे क्या करते हैं? बुजुर्ग: मैने उनकी शादी कर दी और वो सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। मेरी पत्नी गुजर चुकी है और मेरे जीवन में कोई खुशी, आनन्द नहीं है। डॉक्टर: आपकी ऐसी कोई ईच्छा जो पूरी नहीं हुई हो। बुजुर्ग: मेरी एक ख्वाहिश थी की में एक दिन फाइव स्टार होटल में रहूं। डॉक्टर: आपके पास संपति कितनी है? बुजुर्ग: मैं अभी एक फ्लैट में रह रहा हूं और 1000 मीटर का एक प्लॉट है जिसकी कीमत आज 8 करोड़ रुपया है।  डॉक्टर:क्या आपको कभी ऐसा नहीं लगता है कि ये संपति बेच कर मैं मजे की जिंदगी जीऊं।अगर मेरी राय मानो तो ये प्लॉट 8 करोड़ में बेच कर 4 करोड़ की दूसरी संपति खरीद लो और बाकी के चार करोड़ खर्च करो। एक फाइव स्टार होटल में,जिसका रोज का भाड़ा 10000.00 रुपया हो उसमें रहने लगो। उसमें आपको स्विमिंग पूल, जिम,विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे और रोज नए नए लोगों से मुलाका...

भरोसा

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 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐भरोसा💐💐 कल दोपहर घर के सामने छोटे से नीम के पेड़ के नीचे खड़ा होकर मैं मोबाइल पर बात कर रहा था। पेड़ की दूसरी तरफ एक गाय-बछड़े का जोड़ा बैठा सुस्ता रहा था और जुगाली भी कर रहा था। उतने में एक सब्जी वाला पुकार लगाता हुआ आया। उसकी आवाज़ पर गाय के कान खड़े हुए और उसने सब्जी विक्रेता की तरफ देखा।  तभी पड़ोस से एक महिला आयी और सब्जियाँ खरीदने लगी। अंत में मुफ्त में धनियाँ, मिर्ची न देने पर उसने सब्जियाँ वापस कर दी।  महिला के जाने के बाद सब्जी विक्रेता ने पालक के दो बंडल खोले और गाय-बछड़े के सामने डाल दिए... मुझे हैरत हुई और जिज्ञासावश उसके ठेले के पास गया। खीरे खरीदे और पैसे देते हुए उससे पूछा कि उसने 5 रुपये की धनियां मिर्ची के पीछे लगभग 50 रुपये के मूल्य की सब्जियों की बिक्री की हानि क्यों की ?  उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया- भईया जी, यह इनका रोज़ का काम है। 1-2 रुपये के प्रॉफिट पर सब्जी बेच रहा हूँ। इस पर भी फ्री... न न न! मैंने कहा- तो गइया के सामने 2 बंडल पालक क्यों बिखेर दिया ?  उसने कहा- फ्री की धनियां मिर्ची के बाद भी यह भरोसा नहीं है कि यह क...

Bubble Game

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  Play Game

बरगद का पेड़

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 आज की कहानी 💐💐 बरगद का पेड़ 💐💐 किसी गांव में बरगद का एक पेड़ बहुत वर्षों से खड़ा था। गांव के सभी लोग उसकी छाया में बैठते थे, गांव की महिलाएं त्यौहारों पर उस वृक्ष की पूजा किया करती थीं।  ऐसे ही समय बीतता गया और कई वर्षों बाद वृक्ष सूखने लगा। उसकी शाखाएं टूटकर गिरने लगीं और उसकी जड़ें भी अब कमजोर हो चुकी थीं।  गांव वालों ने विचार किया कि अब इस पेड़ को काट दिया जाये और इसकी लकड़ियों से गृहविहीन लोगों के लिए झोपड़ियों का निर्माण किया जाये। गांव वालों को आरी-कुल्हाड़ी लाते देख, बरगद के पास खड़ा एक वृक्ष बोला- “दादा! आपको इन लोगों की प्रवृत्ति पर जरा भी क्रोध नहीं आता, ये कैसे स्वार्थी लोग हैं, जब इन्हें आपकी आवश्यकता थी तब ये आपकी पूजा किया करते थे, लेकिन आज आपको टूटते हुए देखकर काटने चले हैं।” बूढ़े बरगद ने जवाब दिया- “नहीं बेटे! मैं तो यह सोचकर बहुत प्रसन्न हूँ कि मरने के बाद भी मैं आज किसी के काम आ सकूंगा।”  Play Game शिक्षा:- परोपकारी व्यक्ति सदा दूसरों के प्रति करुणा का भाव रखते हैं तथा उनकी ख़ुशी और उनके सुख में अपना सुख समझते हैं। सदैव प्रसन्न रहिये। जो प्राप्त है, पर्...

रिटायरमेंट

🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐रिटायरमेंट💐💐 तक़रीबन 26 साल नौकरी करने के बाद तन्विक बाबू इसी महीने रिटायर होने वाले थे । वे एक प्राइवेट कंपनी में आदेशपाल(चपरासी) के पद पर कार्यरत थे । एक तरफ़ जहाँ तन्विक जी को इस बात का सुकून था कि चलो अब तो एक खड़ूस , बत्तमीज औऱ क्रूर बॉस से छुटकारा मिलेगा , वहीं दूसरी ओर उन्हें इस बात की भी चिंता सता रही थी कि रिटायरमेंट के बाद अब उनका समय कैसे बीतेगा औऱ उनपर जो जबरदस्त आर्थिक जिम्मेदारी है , उसका निर्वहन वे कैसे करेंगे ?? दरअसल तन्विक बाबू को एक मात्र लड़की थी जिसकी पढ़ाई औऱ फ़िर व्याह की चिंता उन्हें खाए जा रही थी ।रिटायमेंट के बाद इस महंगाई में घर के ख़र्च के साथ साथ बेटी की शादी उनके लिए एक बड़ी चुनौती से कम न थी। ऊपर से उनकी बीमार पत्नी के इलाज़ का ख़र्च अलग से मुँह बाए खड़ा था । हालांकि लगभग 60 कर्मचारियों वाले उस दफ़्तर में अपने सुप्रीम बॉस सहित कुछ लोगों के बुरे बर्ताव के कारण वे मन ही मन बड़े दुखी रहते थे । फ़िर भी जब महीने की एक तारीख़ को उनके हाथों पर उनकी तनख्वाह आ जाती थी तब उनका सारा दुख दर्द फ़ुर्र हो जाता था । तन्विक बाबू ख़ुद भी शारीरिक रूप से दुरुस्त न...

अनुपयोगी मित्र

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐अनुपयोगी मित्र💐💐 किसी जंगल में एक बन्नी नामक खरगोश रहता था। उसके कई दोस्त थे। उसे अपने दोस्तों पर गर्व था। एक दिन बन्नी खरगोश ने जंगली कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनी। वह बहुत डरा हुआ था। उसने मदद मांगने का फैसला किया। वह जल्दी से अपने मित्र हिरण के पास गया। उसने कहा, "प्रिय मित्र, कुछ जंगली कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं। क्या तुम अपने नुकीले सींगों से उनका पीछा कर सकते हो?" हिरण ने कहा, "यह सही है, मैं कर सकता हूँ। लेकिन अब मैं व्यस्त हूँ। आप भालू से मदद क्यों नहीं माँगते?" बन्नी खरगोश भालू के पास दौड़ा। "मेरे प्यारे दोस्त, आप बहुत मजबूत हैं। कृपया मेरी मदद करें। कुछ जंगली कुत्ते मेरे पीछे हैं। कृपया उन्हें दूर भगाएं", उसने भालू से अनुरोध किया। भालू ने उत्तर दिया, "मुझे क्षमा करें। मैं भूखा और थका हुआ हूं। मुझे कुछ भोजन खोजने की जरूरत है। कृपया बंदर से मदद मांगें।" बेचारा बन्नी बंदर, हाथी, बकरी और उसके सभी दोस्तों के पास गया। बन्नी को इस बात का दुख हुआ कि कोई उसकी मदद के लिए तैयार नहीं था। वह समझ गया था कि उसे खुद ही क...

हमेशा अच्छा करो

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐हमेशा अच्छा करो💐💐 एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोज़ाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहाँ से गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी। वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी, जिसे कोई भी ले सकता था। एक कुबड़ा व्यक्ति रोज़ उस रोटी को ले जाता और बजाय धन्यवाद देने के अपने रास्ते पर चलता हुआ वह कुछ इस तरह बड़बड़ाता- "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।" दिन गुजरते गए और ये सिलसिला चलता रहा। वो कुबड़ा रोज रोटी लेके जाता रहा और इन्ही शब्दों को बड़बड़ाता- "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।" वह औरत उसकी इस हरकत से तंग आ गयी और मन ही मन खुद से कहने लगी कि "कितना अजीब व्यक्ति है, एक शब्द धन्यवाद का तो देता नहीं है, और न जाने क्या-क्या बड़बड़ाता रहता है, मतलब क्या है इसका।" एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और बोली- "मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी।" और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में ज़हर मिला दिया जो वो रोज़...

एहसास

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐एहसास💐💐 एक प्रेमी-युगल शादी से पहले काफी हँसी-मजाक और नोक-झोंक किया करते थे। शादी के बाद उनमें छोटी छोटी बातो पे झगड़े होने लगे। एक दिन उनकी शादी कि सालगिरह थी पर बीबी ने कुछ नहीं बोला वो पति का रेस्पॉन्स देखना चाहती थी। सुबह पति जल्दी उठा और घर से बाहर निकल गया। बीबी रूआंसी हो गई। दो घण्टे बाद डोरबेल बजी वो दौड़ती हुई गई जाकर दरवाजा खोला। दरवाजे पर गिफ्ट और केक के साथ उसका पति था। पति ने गले लगा के सालगिरह विश किया फिर पति अपने कमरे मेँ चला गया। तभी अचानक पत्नि के पास पुलिस थाने से फोन आता है की आपके पति की हत्या हो चूकी है उनके जेब में पड़े पर्स से आपका फोन नम्बर ढ़ुंढ़ के कॉल किया गया है। पत्नि सोचने लगी की पति तो अभी घर के अन्दर आये है फिर उसे कही पे सुनी एक बात याद आ गई की मरे हुये इन्सान की आत्मा अपनी अंतिम विश पूरी करने एक बार जरूर आती है। वो जोर-जोर से रोने लगी। उसे अपना वो सारा चूमना लड़ना झगड़नानोक-झोंक याद आने लगा उसे पश्चाताप होने लगा की अन्त समय में भी वो अपने पति को प्यार ना दे सकी वो बिलखती हुई रोने लगी। जब रूम में गई तो देखा उसका पति वहाँ नहीं ...

सब कुछ तुम्हारे हाथ में है! :- प्रेरणादायक हिंदी कहानी

🌳 सब कुछ तुम्हारे हाथ में है! 🌳 एक आदमी रेगिस्तान से गुजरते वक़्त बुदबुदा रहा था, “कितनी बेकार जगह है ये, बिलकुल भी हरियाली नहीं है…और हो भी कैसे सकती है यहाँ तो पानी का नामो-निशान भी नहीं है.” तपती रेत में वो जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा था उसका गुस्सा भी बढ़ता जा रहा था. अंत में वो आसमान की तरफ देख झल्लाते हुए बोला- क्या भगवान आप यहाँ पानी क्यों नहीं देते? अगर यहाँ पानी होता तो कोई भी यहाँ पेड़-पौधे उगा सकता था, और तब ये जगह भी कितनी खूबसूरत बन जाती! ऐसा बोल कर वह आसमान की तरफ ही देखता रहा…मानो वो भगवान के उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा हो! तभी एक चमत्कार होता है, नज़र झुकाते ही उसे सामने एक कुंवा नज़र आता है! वह उस इलाके में बरसों से आ-जा रहा था पर आज तक उसे वहां कोई कुँवा नहीं दिखा था… वह आश्चर्य में पड़ गया और दौड़ कर कुंवे के पास गया… कुंवा लाबा-लब पानी से भरा था.   उसने एक बार फिर आसमान की तरफ देखा और पानी के लिए धन्यवाद करने की बजाये बोला, “पानी तो ठीक है लेकिन इसे निकालने के लिए कोई उपाय भी तो होना चाहिए.” उसका ऐसा कहना था कि उसे कुँवें के बगल में पड़ी रस्सी और बाल्टी दिख गयी. एक बार ...

सबसे बड़ा पुण्य

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐 सबसे बड़ा पुण्य 💐💐  एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था. वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही लगा देता था. यहाँ तक कि जो मोक्ष का साधन है अर्थात भगवत-भजन, उसके लिए भी वह समय नहीं निकाल पाता था।  एक सुबह राजा वन की तरफ भ्रमण करने के लिए जा रहा था कि उसे एक देव के दर्शन हुए. राजा ने देव को प्रणाम करते हुए उनका अभिनन्दन किया और देव के हाथों में एक लम्बी-चौड़ी पुस्तक देखकर उनसे पूछा-  “महाराज, आपके हाथ में यह क्या है?”  देव बोले- “राजन! यह हमारा बहीखाता है, जिसमे सभी भजन करने वालों के नाम हैं।” राजा ने निराशायुक्त भाव से कहा- “कृपया देखिये तो इस किताब में कहीं मेरा नाम भी है या नहीं?”  देव महाराज किताब का एक-एक पृष्ठ उलटने लगे, परन्तु राजा का नाम कहीं भी नजर नहीं आया।  राजा ने देव को चिंतित देखकर कहा- “महाराज ! आप चिंतित ना हों , आपके ढूंढने में कोई भी कमी नहीं है. वास्तव में ये मेरा दुर्भाग्य है कि मैं भजन-कीर्तन के लिए समय नहीं निकाल पाता, और इसीलिए मेरा...

मान का पान

 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐मान का पान💐💐 भैया का फोन सुनते ही बिना समय गंवाये रिचा पति के संग मायके पहुंच गई। मम्मी की सबसे लाडली बेटी थी वो। इसलिए अचानक मां की गम्भीर हालत को देख कर  रेखा की आंखों से आंसुओं की झड़ी लग गयी। मां का हाथ अपने हाथों में थाम कर ” मम्मी sss ” सुबकते हुए बस इतना ही कह पायी रिचा।” बेटी की आवाज कानों में पड़ते ही मां ने धीरे से आँखें खोल दीं। लाडली बेटी को सामने देकर उनके चेहरे पर खुशी के भाव साफ झलक रहे थे। ”  तू.. आ.. गयी.. बिटिया!.. कैसी है तू!,  देख. मेरा.. अब.. जाने का.. वक्त.. आ. गया.. है ,  बस तुझ से.. एक ही बात.. कहनी थी बेटा ! ” ” पहले आप ठीक हो जाओ मम्मी!!  बात बाद में कह लेना ” रिचा नेआंखों से हो रही बरसात पर काबू पाने की असफल कोशिश करते हुए कहा। ” नहीं बेटा!.. मेरे पास.. वक्त नहीं है,.. सुन!.. मां बाप किसी.. के हमेशा.. नहीं रहते,..  उनके बाद.. मायका. भैया भाभियों से बनता है.. “। मां की आवाज कांप रही थी। रिचा मां की स्थिति को देख कर अपना धैर्य खो रही थी।  और बार बार एक ही बात कह रही थी ऐसा न कहो मम्मा!सब ठीक हो...

नेवला या मेंढक

🌳🦚आज की कहानी🦚🌳 💐💐नेवला या मेंढक💐💐 समीर बहुत परेशान था। पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक उसे किसी न किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। कभी ऑफिस में बॉस के साथ बहस हो जाती तो कभी घर पर वाइफ से तो कभी उसे किसी कलीग की बात ठेस पहुंचा दे रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे इसलिए वो एक आश्रम में अपने गुरु जी के पास पहुंचा और अपनी समस्या बता दी। गुरु जी ने उसकी बात सुनी और कहने लगे- “क्या तुम जानते हो नेवले सांप को मारकर खा जाते हैं?” “क्या?” “कितना अद्भुत है, ये छोटे से नेवले इतने ज़हरीले कोबरा सांप तक को मारकर खा जाते हैं। ऐसा लगता है कि इन नेवलों को साँपों ने इतनी बार काटा है कि उनके अन्दर एक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गयी है और अब उनके ऊपर इस ज़हर का कोई असर नहीं होता!” “क्या?”, समीर को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि गुरूजी क्या बात कर रहे हैं। “और क्या तुम जानते हो, जंगली इलाकों में एक प्रजाति के छोटे-छोटे मेंढक होते हैं जो बेहद जहरीले होते हैं। वे पैदाइशी ऐसे नहीं होते, वे रोज थोड़ा-थोड़ा कर के  ऐसा खाना खाते हैं कि उनके पूरे शरीर में ज़हर भर जाता है और लोग उनसे दूर ही ...